राजसमंद राजस्थान राज्य के प्रमुख जिलों में से एक है। इस जिले का निर्माण महाराणा राज सिंह प्रथम द्वा्रा 10 अप्रैल 1991 को किया गया था। इस जिले का नाम राजसमंद झील के नाम पर रखा गया है। राजसमंद झील को महाराणा राज सिंह प्रथम ने 1662 से 1676 के बीच बनवाया था। राजसमंद जिला अपनी सुंदर झील, मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है।
राजसमंद के राजा
राजसमंद के राजा महाराणा राज सिंह प्रथम थे। उनका जन्म 24 सितंबर 1629 को हुआ था और वे महाराणा जगत सिंह के प्रथम के पुत्र थे । उन्होंने 1652 से 1680 तक मेवाड़ पर शासन किया था और वे एक वीर, साहसी और पराक्रमी शासक थे। उन्होंने अपने शासनकाल में राजसमंद झील का निर्माण किया, जो आज पर्यटन केंद्र है। महाराणा राज सिंह ने मुगल सम्राट औरंगजेब का हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों का खंडन करने से विरोध किया और हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की रक्षा भी की । उन्होंने अपने राज्याभिषेक के उपलक्ष्य पर तुलादान करवाया था और ब्राह्मणों को रत्नों का तुलादान किया।
महाराणा राज सिंह ने अपने शासनकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जैसे कि चित्तौड़ किले की मरम्मत करवाई, जलाशयों का निर्माण करवाया, और मंदिरों की सुरक्षा की। उनके बाद उनके पुत्र जय सिंह ने मेवाड़ की राजगद्दी संभाली ।
राजसमंद विधानसभा
राजसमंद विधानसभा क्षेत्र राजस्थान के मुख्य निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था।
राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य शामिल हैं,जैसे की आरके जिला अस्पताल में आईसीयू का निर्माण, राजसमंद झील को भरने वाली खारी फीडर की चौड़ीकरण और विधायक मद से गांव में पेयजल के लिए टंकी निर्माण, सामुदायिक भवन और सीसी सड़कों का निर्माण आदि।
राजसमंद नगर परिषद
राजसमंद नगर परिषद का गठन 2008 में किया गया था,नगर परिषद का मुख्य उद्देश्य शहर के विकास और प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन करना है।
राजसमंद में फिलहाल नगर निगम नहीं है, बल्कि नगर परिषद ही स्थानीय प्रशासन का काम संभालती है
राजसमंद नगर परिषद का गठन 2008 में हुआ था, जब राजस्थान में नगर निकायों का पुनर्गठन किया गया था। नगर परिषद का मुख्य उद्देश्य शहर के विकास और प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन करना है।
राजसमंद में फिलहाल नगर निगम नहीं है, बल्कि नगर परिषद ही स्थानीय प्रशासन का काम संभालती है।
राजसंमद विधानसभा
राजसमंद विधानसभा क्षेत्र राजस्थान के 200 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है।
राजसमंद की वर्तमान विधायक दीप्ति माहेश्वरी हैं। वह राजसमंद विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं व विभिन्न सामाजिक और विकास के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं।
1.राजसमंद की विधायक दीप्ति माहेश्वरी कई महत्वपूर्ण कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं। उनके कुछ उल्लेखनीय प्रयास हैं-
विकास परियोजनाएँ-उन्होंने लगभग 80 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं की नींव रखी है, जिसमें 182 विकास कार्य शामिल हैं।
2. सांस्कृतिक और धार्मिक पहल- वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और प्राचीन तीर्थ स्थलों के विकास में शामिल भी रही हैं।
3.महिलाओं के लिए आरक्षण- उन्होंने लोकसभा और विधान सभा में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण का समर्थन किया है।
4. स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा- उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल और योग सेमिनारों का आयोजन किया हैं। विभिन्न प्लेटफार्मों से सार्वजनिक शिक्षा को सुविधाजनक बनाया हैं। यह पहल उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र और उससे आगे के विकास और कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
दीप्ति माहेश्वरी, जो राजसमंद से विधायक हैं, ने कई महत्वपूर्ण पहलें लागू की हैं। हाल ही में, उन्होंने आचार संहिता से पहले करोड़ों रुपए की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें करीब 80 करोड़ रुपए के 182 विकास कार्य शामिल हैं।
राजसंमद सांसद
महिमा कुमारी मेवाड़, जो राजसमंद से सांसद हैं, उनका संबंध मेवाड़ के पूर्व राजघराने से है ।
महिमा कुमारी ने अपने संसदीय क्षेत्र में पानी की समस्या व ट्रेन की सुविधा की कमी जैसी समस्याओं को हल करने का वादा किया है। उनका कहना है कि वह अपने क्षेत्र की जनता की आवाज़ दिल्ली तक पहुंचाएंगी।
महिमा कुमारी मेवाड़ ने कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं। कुछ प्रमुख पहलों में शामिल हैं-
1.पानी की समस्या का समाधान- महिमा कुमारी ने अपने संसदीय क्षेत्र में पानी की समस्या को हल करने के लिए कई योजनाएं शुरूआत की हैं।
2.ट्रेन की सुविधा- उन्होंने अपने क्षेत्र में ट्रेन की सुविधा की कमी को दूर करने के प्रयास भी किए हैं।
3.सामाजिक गतिविधियाँ-महिमा कुमारी राजनीति से अधिक सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं और अपने क्षेत्र की जनता के साथ जुड़ाव बनाए रखती हैं।
4.महिला सशक्तिकरण- उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। जैसे- राजसखी होली मेला, प्रोजेक्ट सक्षम सखी और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम
इन पहलों के माध्यम से महिमा कुमारी ने अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को हल करने का प्रयास किया है और उनके जीवन स्तर को सुधारने का काम किया है।
प्री-वेडिंग शूट का हब
इसके अलावा राजसंमद प्री-वेडिंग शूट के लिए भी कपल्स की पसंदीदा जगह हैं। प्री-वेडिंग शूट के लिए कुछ प्रमुख लोकेशन्स है-
1. कुंभलगढ़ किला
2. रणकपुर जैन मंदिर
3. शेखावाटी क्षेत्र
4. मंडावा
5. डंपिंग यार्ड, किशनगढ़
राजसंमद के प्रमुख पर्यटन स्थल
राजसमंद में घूमने के लिए कई मनमोहक पर्यटन स्थल हैं जो अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाने जाते हैं। यहाँ के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल है-
कुंभलगढ़ किला- यह किला अपनी भव्यता और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। यह किला अरावली पर्वत श्रेणी की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है.
राजसमंद झील-यह झील 17वीं शताब्दी में महाराणा राज सिंह ने बनवाई थी और यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की कृत्रिम झील है। सूर्यास्त के समय यहाँ का दृश्य बेहद सुंदर होता है।
नाथद्वारा- यह स्थान श्रीनाथजी के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जो वैष्णव समुदाय के प्रमुख देवता हैं। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। हाल ही में यहां दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा बनी है, जिसकी ऊंचाई 369 फीट है।यह प्रतिमा इतनी विशाल है कि इसे 20 किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता है।
हल्दीघाटी- यह स्थान महाराणा प्रताप और मुगल सेना के बीच हुई प्रसिद्ध लड़ाई के लिए जाना जाता है। यहाँ का संग्रहालय और चेतक समाधि प्रमुख आकर्षण हैं और कहा जाता है कि लड़ाई होने के बाद यहां की मट्टी भी सैनिकों के लहु से लाल हो गई थी।
चारभुजा मंदिर-चारभुजा मंदिर राजस्थान के राजसमंद जिले के गढ़बोर गाँव में स्थित हैं।यह एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह भगवान विष्णु का मंदिर है और यहाँ की वास्तुकला और धार्मिक महत्व के कारण यह पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इस मंदिर की मूर्ति 85 सेंटीमीटर ऊँची है और इसमें भगवान विष्णु के चार हाथ हैं, जिनमें उन्होंने शंख, चक्र, गदा और कमल का फूल धारण किया हुआ है चारभुजा मंदिर में हर साल भाद्रपद एकादशी के अवसर पर एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें हजारों तीर्थयात्री भाग लेते हैं।
कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य- यह अभयारण्य वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है। यहाँ विभिन्न प्रकार के वन्यजीव और पक्षी देखे जा सकते हैं, जिनमें भेड़िया, जंगली बिल्ली, तेन्दुआ, भालू, चौसिंगा, नीलगाय, चिंकारा और खरगोश आदि शामिल हैं।इसके अलावा, यहाँ पर विभिन्न प्रकार के पक्षियों को भी देखा जा सकता है, जिसमें मोर, ग्रे जंगल फाउल, पैराकेट्स, व्हाइट ब्रेस्टेड किंगफिशर और गोल्डन ओरिओल शामिल हैं