अब गांवों में लेजर तकनीक से बनेंगे घर, लंबाई-चौड़ाई मापने के लिए नहीं फीते की जरूरत
एनआईटी हमीरपुर में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत राजमिस्त्री, काष्ठकार और बढ़ई सहित 18 ट्रेड्स में स्थानीय कामगारों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसके बाद अब प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके कामगार यानी राजमिस्त्री और अन्य हाईटेक उपकरणों का उपयोग करेंगे। वे गांवों में
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एनआईटी हमीरपुर में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत राजमिस्त्री, काष्ठकार और बढ़ई सहित 18 ट्रेड्स में स्थानीय कामगारों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसके बाद अब प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके कामगार यानी राजमिस्त्री और अन्य हाईटेक उपकरणों का उपयोग करेंगे। वे गांवों में लेजर तकनीक से मकानों का निर्माण कर सकेंगे। उन्हें मकान की लंबाई चौड़ाई ऊंचाई नापने के लिए किसी तरह के फीते की जरुरत नहीं होगी। लेजर के डिस्टेंस मीटर से महज एक क्लिक में लंबाई चौड़ाई और ऊंचाई मापी जा सकेगी। एनआईटी के वास्तुकला विभाग में स्थापित केंद्र में बढ़ई ट्रेड में 11 और 21 राजमिस्त्रियों को भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान मिस्त्रियों को 500 रुपये प्रतिदिन स्टाइपंड भी दिया गया। साथ ही प्रशिक्षण पूरा करने के बाद लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट, पहचान पत्र और 15 हजार रुपये का टूलकिट भी वितरित किया गया। साथ ही पांच प्रतिशत ब्याज दर पर तीन लाख रूपये तक का लोन भी आवेदन करने वाले लाभार्थियों को मुहैया करवाया गया है।