इस तरह करें मकर संक्रांति के दिन पूजा-पाठ
वर्तमान में कुंभ राशि में हैं शनिदेव
जयपुर के वरिष्ठ ज्योतिषी और धार्मिक शास्त्रा विश्लेषक कार्तिक शर्मा के अनुसार उनके अपने स्वविवेक से ये जानकारी दी गई है।
सनातन धर्म में खास दिन मकर संक्रांति का पर्व, यानी सूर्य का मकर संक्रांति के दिन से धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने का समय। इस दौरान गंगा स्नान या तीर्थों में जाकर स्नान करने और दान पूण्य करने का विशेष विधान है। मकर संक्रांति पर साधक गंगा स्नान कर सूर्य देव की पूजा करते हैं। इस समय सूर्य देव को काले तिल मिश्रित जल का अर्घ्य देते हैं। साथ ही काले तिल को बहती जलधारा में प्रवाहित करते हैं। इस साल मकर संक्रांति के दिन दुर्लभ पुष्य नक्षत्र सहित कई मंगलकारी योग भी बन रहे हैं। पुष्य नक्षत्र का स्वामी भी शनिदेव ही है। इस बार सूर्य देव की पूजा करने से साधक पर न्याय देवता शनिदेव की अपार कृपा बरसेगी। इस बार मकर संक्रांति के साथ 4 राशि पर शनिदेव की अपार कृपा बरसेगी और उनकी आर्थिक तंगी दूर होगी, सभी बिगड़े काम बन जाएंगे। कई राशियों के जातकों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
मकर संक्रांति पर करें तिल से 5 उपाय, रोग-दोष से मिलेगी मुक्ति, किस्मत का खुलेगा दरवाजा
मकर संक्रांति के दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर भगवान सूर्य की पूजा करें और अपनी ईच्छानुसार दान करें। इस दिन तिल का बड़ा महत्व है और प्राचीन काल से काले तिल के लड्डू बनाकर दान देने और खाने का भी रिवाज रहा है। इस दिन आपकी ओर से किए गए तिल का उपयोग, आप पर सूर्य व शनि देवता की विशेष कृपा बरसेगी और आपकी कृपा से आपकी किस्मत चमक जाएगी।
1. इस दिन जल में काले तिल डालकर स्नान करें और काले तिल का उबटन भी लगाना सौभाग्य प्रदान करने वाला है। ऐसा करने से रोग और दोष खत्म होते हैं और शरीर में समाई नकारात्मकता दूर होती है।
2. मकर संक्रांति पर घर में काले तिल के लड्डू बनाएं और सभी सदस्यों के खाने से सुख समृद्धि का आगमन और रोग दोष मुक्त हो जाते हैं।
3. पानी से भरे तांबे के लोटे में काले तिल डालकर सूर्य देव को अर्पण करने से सूर्य भगवान की विशेष कृपा बरसती है। करियर समस्या दूर होती है तो पद व प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी भी होगी।
4. मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद काले तिल और गुड़ या खिचड़ी में काला तिल मिलाकर दान करें। इससे सूर्य और शनि दोनों की कृपा प्राप्त होगी। आपका घर धन और धान्य से भर जाएगा।
5. मकर संक्रांति के अवसर पर काले तिल की आहुति देने, तिल से बना भोजन करने, जल में तिल अर्पण करने से विशेष लाभ होता है। नजर दोष से बचने के लिए मकर संक्रांति पर परिवार के सदस्यों का काले तिल से 7 बार नजर उतार कर उत्तर दिशा में फेंकना भी काफी शुभ माना गया है।
मकर संक्रांति पर छु्ट्टी का तोहफा
मकर संक्रांति पर लगातार 5 दिन लोगों की छुट्टी रहेगी। सार्वजनिक अवकाश रहेगा, स्कूल-कॉलेज और दफ्तर-बैंक बंद रहेंगे। क्योंकि उत्तर भारत में लोहड़ी, मकर संक्रांति और हजरत अली के जन्मदिन का अवसर है। दक्षिण भारत में पोंगल, तिरुवल्लुवर दिवस और उझावर थिरुनल मनाया जाएगा। इसलिए राज्यों ने छुट्टियों का ऐलान करना शुरू कर दिया है। कुछ राज्यों में 4 दिन की छुट्टी है तो कुछ राज्यों में 5 दिन सार्वजनिक अवकाश रहेगा। बीच में रविवार और दूसरे शनिवार की छुट्टी भी है। वहीं दक्षिण भारत के राज्यों में एक हफ्ते की छुट्टी रहने वाली है।
आपको बता दें कि 14 जनवरी को देश में 3 तीन त्योहार मनाए जाएंगे। दक्षिण भारत में पोंगल, उत्तर भारत में मकर संक्रांति और 14 जनवरी को ही हजरत अली का जन्मदिन। दक्षिण भारत में पोंगल का त्योहार सूर्य देवता की पूजा करके पारंपरिक व्यंजनों और साज-सज्जा के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। उत्तर भारत में मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन पतंग उड़ाई जाती हैं। मिठाइयां बांटकर पारिवारिक समारोह आयोजित किए जाते हैं। इसी दिन हजरत अली के जन्मदिन पर इस्लामी नेता के लिए प्रार्थना, जुलूस और सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
11 जनवरी को दूसरा शनिवार और 12 जनवरी को रविवार है। इसी दिन मिशनरी डे और इमोइनु इरतपा भी है। 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार है तो पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर में छुट्टी रहेगी। क्योंकि इन राज्यों में लोहड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार है तो उत्तर भारत के कई राज्यों में छुट्टी रहेगी, क्योंकि यह हिंदुओं-पंजाबियों का खास त्योहार है।
मकर संक्रांति के पर्व पर गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है। साथ ही इस साल महाकुंभ भी है। जिसमें स्नान करने का महापुण्य माना गया है। इस दिन धार्मिक महत्व काफी अधिक माना गया है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में गंगा नदी में स्नान करने और गंगा स्तुति का पाठ करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। चलिए पढ़ते हैं श्री गंगा जी की स्तुति। लेकिन पहले गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त भी जान लें :-
मकर संक्रांति पुण्य काल - सुबह 07 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक
मकर संक्रांति महा पुण्य काल - सुबह 07 बजकर 33 मिनट से सुबह 09 बजकर 45 मिनट तक
मकर संक्रांति का क्षण - सुबह 07 बजकर 33 मिनट तक
श्री गंगा जी की स्तुति
गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम् ।। त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम् ।। मां गंगा स्तोत्रम्।।
देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे ।। त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे ।। शङ्करमौलिविहारिणि विमले।।मम मतिरास्तां तव पदकमले ।।1।।
भागीरथि सुखदायिनि मातस्तव।। जलमहिमा निगमे ख्यातः ।। नाहं जाने तव महिमानं।। पाहि कृपामयि मामज्ञानम् ।।2।।
हरिपदपाद्यतरङ्गिणि गङ्गे।। हिमविधुमुक्ताधवलतरङ्गे ।। दूरीकुरु मम दुष्कृतिभारं।। कुरु कृपया भवसागरपारम् ।।3।।
तव जलममलं येन निपीतं।। परमपदं खलु तेन गृहीतम् ।। मातर्गङ्गे त्वयि यो भक्तः।।किल तं द्रष्टुं न यमः शक्तः ।।4।।
पतितोद्धारिणि जाह्नवि गङ्गे।। खण्डितगिरिवरमण्डितभङ्गे ।। भीष्मजननि हे मुनिवरकन्ये।। पतितनिवारिणि त्रिभुवनधन्ये ।।5।।
कल्पलतामिव फलदां लोके।। प्रणमति यस्त्वां न पतति शोके।। पारावारविहारिणि गङ्गे।। विमुखयुवतिकृततरलापाङ्गे।।6।।
तव चेन्मातः स्रोतःस्नातः।। पुनरपि जठरे सोऽपि न जातः।। नरकनिवारिणि जाह्नवि गङ्गे।। कलुषविनाशिनि महिमोत्तुङ्गे।।7।।
पुनरसदङ्गे पुण्यतरङ्गे।। जय जय जाह्नवि करुणापाङ्गे।। इन्द्रमुकुटमणिराजितचरणे।। सुखदे शुभदे भृत्यशरण्ये।।8।।
रोगं शोकं तापं पापं।। हर मे भगवति कुमतिकलापम्।। त्रिभुवनसारे वसुधाहारे।। त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे।।9।।
अलकानन्दे परमानन्दे।। कुरु करुणामयि कातरवन्द्ये।। तव तटनिकटे यस्य निवासः।। खलु वैकुण्ठे तस्य निवासः।।10।।
वरमिह नीरे कमठो मीनः।। किं वा तीरे शरटः क्षीणः।। अथवा श्वपचो मलिनो दीनस्तव।। न हि दूरे नृपतिकुलीनः।।11।।
भो भुवनेश्वरि पुण्ये धन्ये।। देवि द्रवमयि मुनिवरकन्ये।। गङ्गास्तवमिमममलं नित्यं।। पठति नरो यः स जयति सत्यम्।।12।।
येषां हृदये गङ्गाभक्तिस्तेषां।। भवति सदा सुखमुक्तिः।। मधुराकान्तापज्झटिकाभिः।। परमानन्दकलितललिताभिः।।13।।
गङ्गास्तोत्रमिदं भवसारं।। वाञ्छितफलदं विमलं सारम्।। शङ्करसेवकशङ्कररचितं पठति।। सुखी स्तव इति च समाप्तः।।14।।
देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे।। त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे।। शङ्करमौलिविहारिणि विमले।। मम मतिरास्तां तव पदकमले।।15।।
मकर संक्रांति के दिन 4 राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ, मिलेंगे शुभ परिणाम, जानें पंडितजी कार्तिक शर्मा से...
मेष राशि- मेष राशि वालों के लिए भौतिक सुख-संपदा में वृद्धि होगी। भूमि, भवन व वाहन की खरीदारी के प्रबल योग बनेंगे। जीवनसाथी का सानिध्य प्राप्त होगा। पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताएंगे। संतान का साथ मिलेगा। शुभ फलों में वृद्धि के लिए लाल वस्तु पास रखना शुभ रहेगा।
2. वृषभ राशि- वृषभ राशि वालों को भाग्य का साथ मिलेगा। पराक्रम रंग लाएगा। नौकरी पेशा करने वाले जातकों को तरक्की मिलने के योग हैं। व्यापारियों के व्यापार में विस्तार हो सकता है। लव लाइफ बेहतर रहेगी। संतान की ओर से सुखद समाचार मिल सकता है। इस दिन हरी वस्तु पास रखना आपके लिए शुभ रहेगा।
3. कुंभ राशि- कर्क राशि के जातकों को सितारों का साथ मिलेगा। इतना ही नहीं सितारों की तरह चमकेंगे। ओजस्वी-तेजस्वी बने रहेंगे। सेहत में सुधार होगा। शुत्रओं पर विजय प्राप्त करेंगे। गुण-ज्ञान की प्राप्ति होगी। पुरानी बीमारियों से छुटकारा पाएंगे। प्रेम-संतान का साथ होगा। व्यापार भी अच्छा रहेगा। लाल वस्तु पास रखना आपके लिए शुभ रहेगा।
4. मकर राशि- मकर राशि वालों की नौकरी-चाकरी की स्थिति बहुत अच्छी रहेगी। नौकरी में तरक्की या प्रमोशन के योग बन रहे हैं। कुछ जातकों को आय में वृद्धि मिल सकती है। स्वास्थ्य पहले से बहुत अच्छा हो जाएगा। जीवनसाथी के साथ आनंददायक समय व्यतीत करेंगे। व्यापारिक स्थिति सुदृढ़ होगी। शनिदेव की पूजा करना व प्रणाम करना शुभ रहेगा।