नागौर - शादी में आने का वादा था, तिरंगे में लिपटकर आए घर...
नागौर की जायल तहसील के राजोद गांव निवासी हरिराम जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा में शहीद हो गए। वे हवलदार की पोस्ट पर थे और बांदीपोरा जम्मू कश्मीर में हुए हादसे में शहीद हुए। राजौद गांव में हरिराम की शहादत की सूचना पहुंची तो पूरे गांव में मातम पसर गया। फरवरी मे
News Affair 24
एडमिन द्वारा
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नागौर की जायल तहसील के राजोद गांव निवासी हरिराम जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा में शहीद हो गए। वे हवलदार की पोस्ट पर थे और बांदीपोरा जम्मू कश्मीर में हुए हादसे में शहीद हुए। राजौद गांव में हरिराम की शहादत की सूचना पहुंची तो पूरे गांव में मातम पसर गया। फरवरी में उसकी एक भतीजी और भतीजे की शादी होनी है। इसके लिए हरिराम 25 जनवरी को छुट्टी लेकर आने वाले थे। लेकिन हरिराम का पार्थिव शरीर जब तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचा तो परिवार में चीख-पुकार मच गई। गांव पहुंचने के बाद सैन्य सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। हरिराम भाइयों में सबसे छोटे थे और अपने भतीजे-भतीजियों से बहुत प्यार करते थे। हरिराम की पत्नी वीरांगना प्रीति का रो-रोकर बुरा हाल था। वे बार-बार अचेत हो रही थीं। बेटा नवीन और बेटी वंदना की सिसकियां बंधी हुई थीं। वे हर आने-जाने वाले को आंखें फैलाकर देख रहे थे। मानो उन्हें अभी तक किसी हादसे या खबर का पता ही नहीं हो। लेकिन उनकी मासूम उम्र को देख हर ग्रामीण की आंखें पसीज रही थी। हरिराम की पत्नी वीरांगना प्रीति ने कहा कि वे कभी नाराज नहीं होते थे और 4 जनवरी को ही फोन पर बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि अभी कैंप जा रहे हैं और दोपहर 2 बजे कैंप पहुंच जाएंगे। फिर बात करेंगे। लेकिन कैंप में पहुंचने से पहले ही हादसा हो गया।